घाटी का बदलता परिदृश्य

बेहद खूबसूरत है जम्मू कश्मीर की यह घाटी | TOS News

घाटी में जश्न अब अमन चैन का हो रहा  है,

लगे हैं दाग जो खून के हर रोज धुल रहा है।

जो भागते थे कभी घर छोड़ आतंकियों के डर से,

वो आवाम आज चैन से घरों में सो रहा है।

 घाटी में जश्न अब अमन……..सो रहा है।.

वो अवाम ही भी क्या, जो डर-डर के जी रही थी,

आतंक के आकाओं का जहर घुट-घुट के पी रही थी।

चुनाव हो रहा है, निष्पक्ष, मतदान हो रहा है,

चारो तरफ लोगों में एक विश्वास भर रहा है।

हर रोज घाटी में नया इतिहास रच रहा है।

घाटी में जश्न अब अमन……. सो रहा है।

पाक सरज़मी ये फिर से पाक हो रहा है,

आतंक का ठिकाना सब साफ हो रहा है।

बुरे इरादों का अब सर्वनाश हो रहा है,

घाटी में नये सूरज का आगाज़ हो रहा है।

मासूम था जो चेहरा, अब वो खिल के हँस रहा है,

फिजा बदल रही है, मौसम बदल रहा है।

हर रोज़ घाटी में नया इतिहास रच रहा है।

घाटी में जश्न अब अमन…….सो रहा है।

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